
जांजगीर चांपा । नगर पालिका जांजगीर नैला ने शहर को हराभरा बनाने के लिए हजारों रूपये खर्च कर सड़क किनारे और डिवाइडर पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए हैं। लेकिन, इनकी देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। आलम यह है कि इन्हें पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है।

ऐसे मे पौधे विकसित नहीं हो पा रहे हैं और अधिकारियों की लापरवाही की वजह पौधे से सूखते जा रहे हैं।

शहर के मुख्य सड़क विवेकानंद मार्ग, कलेक्टोरेट रोड के डिवाइडर में लगे पौधे सूख चुके हैं या फिर सूखकर खत्म होने के कगार पर आ चुके हैं। वजह यह है कि इन्हें लगाकर पालिका इनकी देखरेख करना ही भूल गया है। लंबे समय से इन्हें पानी ही नहीं दिया गया है। ऐसे में पौधे सूखते ही जा रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हाल तो शहर के कलेक्टोरेट रोड में लगाए गए पौधों का हो रहा है। जहां के 60 फिसदी से ज्यादा पौधे सूख कर खत्म हो चुके हैं। वहीं शेष पौधे पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये भी जल्द ही सुख कर खत्म हो जाएंगे। मुख्य मार्ग होने के कारण यहां रोजाना कलेक्टर, एसपी सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का लगातार आना जाना लगा रहता, बावजूद इसके अब तक जिम्मेदार अधिकारियो की नजर इन सुख रहे पेड़ो को देख कर भी नजरअंदाज कर रहे है । यहां सौन्दर्यकरण के नामपर शासकीय खजाने से हजारों रूपये खर्च कर लगाए गए पौधे विभागीय लापरवाही के चलते सूखने लगे है।
इधर ग्रीन जोन में भी हो रही पेड़ो की अवैध कटाई, प्रशासन फिर भी अनजान
कुछ साल पहले कलेक्ट्रेट चौक से कलेक्टर ऑफिस जाने वाली मुख्य मार्ग जो ग्रीन जोन घोषित कर सड़क किनारे अर्जुन, नीम, गुलमोहर जैसे पेड़ लगाये थे, वही प्रशासन द्वारा पेड़ो की सुरक्षा के लिए लाखों रूपये खर्च कर बकायदा फेंसींग तार भी लगाया गया था, मगर अब विभागीय उदासीनता के चलते जमीन दलालो द्वारा बेखौफ़ ग्रीन जोन में लगे पेड़ो को काटकर रोड़ बनाया जा रहा। भूमाफियाओ द्वारा फिर से शासकीय जमीन पर लगे लगभग 2 दर्जन से अधिक पेड़ो को काटकर रास्ता बनाने की तैयारी में है। लेकिन इसके बावजूद प्रशासन मौन है।
देखना होगा जिले की जिम्मेदार अधिकारी सुख रहे पेड़ों को जीवित रखने के लिए आगे क्या पहल करते हैं।
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