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यहां मौत के बाद मुआवजे के लिए होता है सौदा, सर्पदंश के बाद बैगा आदिवासी का खुले में कर दिया पोस्टमॉर्टम,

परिजनों का आरोप मुआवजा दिलाने परेशान कर रहे दलाल

बैगा आदिवासी की मौत पर खुली पोल, एक अऩ्य परिवार हुआ ठगी का शिकार

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बिलासपुर। जिले में आपदा को अवसर में बदलने की होड़ मची है, इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब प्रशासन की ओर से मौत पर आरबीसी 6-4 के तहत 4 लाख रूपए की सहायता राशि में गबन का मामला सामने आया। परिजनों को उनके प्रियजन की मौत होने से शासन की ओर से सहायता राशि देकर सांत्वना दी जाती रही है।

इसे कुछ लोगों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। ताजा मामला बेलगहना पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोहली का है। यहाँ के आदिवासी युवक रामनाथ बैगा की सर्पदंश से मौत हो गई। परिजनों ने जब इसकी जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस ने अपनी जांच शुरु की। आरोप है कि मौके पर कोटा ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर भी पहुंचे थे। उन्होंने खुले में ही महज पांच मिनट में बैगा आदिवासी के शव का पोस्टमॉर्टम कर दिया। ऐसे में डॉक्टर के द्वारा गांव में ही पीएम करने पर कई सवाल खड़े हो गए है।

बताया जा रहा है कि इलाके में सक्रिय दलालों ने सांठगाठ कर आपदा को अवसर में बदलने के लिए यह कारनामा किया है। फिलहाल बीएमओ मीडिया से बच रहे है और उन्हें कई बार कॉल करने पर भी उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया। अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

नदी में डूबने से हुई मौत, प्रशासन ने दिया मुआवजा, लेकिन दलाल खा गए

दूसरी ओर, कोटा थाना क्षेत्र के ही दुमोहानी गांव जो ग्राम पंचायत सोनसाय नवागांव में आता है वहाँ के माखनलाल सौंता ने आरोप लगाया कि उसकी माता मुखौतिन बाई 49 वर्ष की पानी में डुबने से मौत हो गई थी। उसके बाद कुछ दलालों ने माखनलाल सौंता से संपर्क कर उसे मुआवदा दिलाने का झांसा दिया। कथित तौर पर दुर्गा बघेल, पंचराम भानु जो बानाबेल गांव के निवासी है उन्होंने माखनलाल का बैंक में खाता खुलवा दिया। और चेकबुक इशु करवा कर उसका हस्ताक्षर करा लिया। जिसमें प्रशासन से मुआवजा मिलने के बाद उसके बैंक खाते में पचास हजार रूपये दिया गया। और 83000 रूपये नगद दिया गया। बाकी के पैसे दलालों ने हजम कर लिया। पीड़ित माखनलाल सौंता ने कोटा एसडीएम को एक लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

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उसने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि दुर्गा बघेल द्वारा तहसीलदार को 10000, पुलिस चौकी प्रभारी, मुंशी, डॉक्टर पटवारी और सरपंच को पैसा देने की बात कही गई। इसके साथ ही एक ग्रामीण पैसे देने का दावा किया है। मृतिका के पुत्र माखनलाल ने बिलासपुर जिला मुख्यालय आने जाने में भी बोलेरो वाहन पर खर्च होना बताया है। उसने शिकायत की प्रति मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, कलेक्टर और आईजी पुलिस बिलासपुर को भी भेज दी है। और न्याय की गुहार लगाई है।

डॉक्टर की भूमिका संदिग्ध, पुलिस को लपेटने का प्रयास

असल में मौत पर मुआवजा दिलाने की होड़ मची है यही वजह है कि डॉक्टरों पर भी आरोप लग रहा है। जबकि पुलिस ने सर्पदंश से मौत की सूचना पर मोहली गांव में जांच पड़ताल की। लेकिन पुलिस का कहना है कि किसी भी मौत पर संदेह है तो डॉक्टर की पीएम रिपोर्ट को ही आधार बनाकर जांच की जाती रही है।

मुआवजा दिलाने का झांसा देने वालों से रहे सावधान

बेलगहना पुलिस चौकी के प्रभारी भावेश सेंडे ने कहा कि यदि मुआवजा राशि में किसी तरह के गबन की शिकायत मिलती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि मुआवजा राशि दिलाने यदि कोई झांसा देता है तो उससे सावधान रहे और उसकी शिकायत पुलिस से करें ताकि ऐसे लोगों के काले कारनामों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने युवक की मौत को सर्पदंश से होना बताया है।

सब चोचला है, पुलिस के कहने से किया पीएम: बीएमओ

कोटा बीएमओ निखिलेश गुप्ता ने अब इस मामले में सफ़ाई दी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का काम पीएम करना है। खुले में पीएम नहीं किया गया। बंद कमरे में पीएम किया गया। गाँव से शव को नीचे लाने की स्थिति नहीं थी। पुलिस के कहने से ही पीएम गाँव में कर दिया गया। मेरा काम पोस्टमार्टम करना है। मुआवज़ा कहाँ से कौन देता है यह हमारा काम नहीं हैं। सब चोचला है।

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