
Chhatisgarh Mansoon session 2024:– फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में आए लोगों के खिलाफ शिकायतों, शिकायत जांच पर प्रमाणित मामलों व की गए कार्यवाही की जानकारी आज कांग्रेस की दो महिला विधायकों ने मांगी। जिस पर मंत्री ने बताया कि 452 शिकायतों की जांच पूरी कर ली गई है। जिनमें से 230 शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।

Raipur रायपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त शासकीय सेवकों पर कार्यवाही के मामले में आज कांग्रेस की दो महिला विधायकों ने सदन में सवाल उठाया। जिसके जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री ने सभी मामलों में जांच प्रारंभ होने व 452 मामलों में जांच प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी दी। इसके अलावा फर्जी पाए गए शासकीय सेवकों की संख्या भी मंत्री ने बताई।
कांग्रेस की महिला विधायक शेष राज हरबंस ने प्रश्न पूछा था कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कितने मामलों में जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? कितने मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन में है? कितनी शिकायत में जांच प्रारंभ नहीं की गई है? जिन शिकायतों के विरुद्ध जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है उन्हें पदमुक्त करने एवं शासन के विरुद्ध धोखाधड़ी करने का फिर क्यों नहीं दर्ज कराया जा रहा है? कारण सहित समस्त जानकारी देवे?
जिसके लिखित जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध 452 मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन पूर्ण कर ली गई है। 72 मामलों में जांच प्रक्रिया प्रचलन में है। ऐसी कोई शिकायत नहीं है जिसमें जांच प्रारंभ नहीं की गई है जिन शिकायतों के विरुद्ध जांच प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है उन्हें पदमुक्त करने एवं शासन नियम अनुसार एफआईआर दर्ज कराने सहित वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश छानबीन समिति द्वारा संबंधित नियोक्ता विभाग को दिए गए हैं।
इसके अलावा कांग्रेस की महिला विधायक चातुरी नंद ने सवाल पूछा था कि प्रदेश के कितने शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं? जिसके जवाब में छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत 230 शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। दोनों विधायकों के सवालों पर मंत्री राम विचार नेताम के द्वारा दिए गए जवाब से स्पष्ट है कि जिन 452 मामलों में जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उनमें से 230 शासकीय सेवकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जिनमें शासन एफआईआर के अलावा पदमुक्त करने की कार्यवाही कर रहा है।
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