छत्तीसगढ़ में DMF घोटाले का बड़ा खुलासा: 75 करोड़ के घोटाले में 6000 पन्नों की चार्जशीट, IAS रानू साहू समेत 9 आरोपी जेल में

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) घोटाले में राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की संयुक्त टीम ने रायपुर की विशेष अदालत में 6000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। इस घोटाले में IAS रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी सहित 9 प्रमुख लोगों को आरोपी बनाया गया है, जो वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं।

जांच में 75 करोड़ के घोटाले का खुलासा, टेंडर राशि का 40% गया कमीशन में
जांच रिपोर्ट के अनुसार, कोरबा जिले के DMF फंड से संबंधित विभिन्न ठेकों में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 75 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है, जिसमें सरकारी अधिकारियों को टेंडर राशि का 40% तक कमीशन के रूप में दिया गया। कुछ टेंडरों में 15% से 25% तक की रिश्वत तयशुदा रूप से वसूली गई थी।
गिरफ्तार आरोपी: नौ नाम सामने आए, सभी जेल में
चार्जशीट में जिन 9 आरोपियों के नाम शामिल हैं, वे हैं:
रानू साहू – निलंबित IAS अधिकारी
सौम्या चौरसिया – पूर्व उप सचिव
सूर्यकांत तिवारी – कारोबारी और राजनीतिक संपर्कों वाला व्यक्ति
भरोसा राम ठाकुर – तत्कालीन नोडल अधिकारी, कोरबा DMF
भुनेश्वर सिंह राज – जनपद पंचायत के तत्कालीन CEO
राधेश्याम मिर्झा – बैकुंठपुर जनपद CEO
वीरेंद्र कुमार राठौर – पूर्व अधिकारी
मनोज कुमार द्विवेदी – NGO सचिव
माया वॉरियर – राज्य सेवा अधिकारी
इन सभी को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और वे वर्तमान में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
कोल घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत, लेकिन EOW ने फिर किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि 3 मार्च को कोल परिवहन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने इनमे से 12 लोगों को अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन जमानत की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही EOW ने DMF घोटाले में प्रोडक्शन वारंट जारी कर उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मनोज द्विवेदी की भी गिरफ्तारी हुई।
ED की जांच में सामने आईं चौंकाने वाली बातें
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है। ED की जांच से यह साफ हुआ कि ठेकेदारों और फर्मों ने सरकारी अधिकारियों और नेताओं को 25% से 40% तक कमीशन का भुगतान किया।
रिश्वत के लेनदेन को अकोमोडेशन एंट्री (फर्जी बहीखातों) के जरिए छिपाया गया। तलाशी के दौरान 76.50 लाख रुपए नकद, 35 लाख की राशि वाले 8 बैंक अकाउंट, फर्जी दस्तावेज, स्टांप पेपर, और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं।
23.79 करोड़ की संपत्ति जब्त
अब तक की कार्रवाई में ED ने रानू साहू, माया वॉरियर, मनोज द्विवेदी सहित अन्य आरोपियों की 23.79 करोड़ रुपए की चल–अचल संपत्ति कुर्क की है। जांच में सामने आया कि कई फर्जी फर्मों और NGOs के नाम पर संपत्ति अर्जित की गई थी।
प्रदेशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी
ED और EOW ने अब तक कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर, सूरजपुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर सहित महाराष्ट्र के 4 ठिकानों पर छापेमारी की है।
पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल, और जनपद CEO राधेश्याम मिर्झा के आवास पर भी छापे मारे गए। कार्रवाई में अब तक 1.11 करोड़ रुपए नकद और अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
ये आरोपी अभी भी फरार
घोटाले में जिन नामों का खुलासा हुआ है, उनमें से संजय शिंदे, ऋषभ सोनी और राकेश शुक्ला अब भी गिरफ्त से बाहर हैं। जांच एजेंसियां उनकी तलाश में दबिश दे रही हैं।
क्या है DMF फंड?
डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) एक गैर–लाभकारी ट्रस्ट है, जिसे खनन से प्रभावित क्षेत्रों के विकास और वहां के निवासियों के कल्याण के लिए गठित किया गया है। लेकिन जांच एजेंसियों के अनुसार, इस फंड का दुरुपयोग कर नेताओं और अफसरों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को भारी चूना लगाया गया।
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