CG New Advocate General:– न्यायिक परिवार से निकलकर वकालत की राह चुनी, अब पहुंचे शीर्ष पद पर—छत्तीसगढ़ के नए महाधिवक्ता विवेक शर्मा

CG New Advocate General:– छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से नियुक्त किए गए नए महाधिवक्ता विवेक शर्मा का पारिवारिक बैकग्राउंड पूरी तरह न्यायिक सेवा से सराबोर है। उनके पिता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रहे हैं, जबकि भाई और बहन दोनों ही सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं। दिलचस्प बात यह है कि परिवार का यह न्यायिक दायरा यहीं नहीं रुकता—उनकी बहन के पति भी वर्तमान में हाईकोर्ट में उपमहाधिवक्ता हैं।
कानून और न्याय से गहरे जुड़े इस परिवार में विवेक शर्मा ने ज्यूडिशरी के बजाय वकालत की राह चुनी, और अब राज्य के सर्वोच्च विधि पद तक पहुंचकर एक नई कहानी लिख दी है।
Bilaspur। बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने नए महाधिवक्ता के तौर पर विवेक शर्मा को नियुक्त किया है। यह निर्णय, महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत के इस्तीफे के बाद लिया गया, जिसकी पुष्टि विधि विभाग की प्रमुख सचिव सुषमा सावंत ने आदेश जारी कर की है।
विवेक शर्मा का परिवार न्यायिक सेवा से गहरा जुड़ा हुआ है। उनके पिता जस्टिस राधेश्याम शर्मा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं, जिन्होंने सिविल जज के रूप में अपनी सेवा शुरू की और बाद में विधि विभाग के प्रमुख सचिव बनकर महाधिवक्ता के नियुक्ति आदेश भी जारी किए।
विवेक शर्मा ने अपने कैरियर की शुरुआत वकालत से की और आज वे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण विधि पद, महाधिवक्ता के रूप में सेवा दे रहे हैं। वे बिलासपुर के तखतपुर तहसील के ग्राम मेंड्रा के मूल निवासी हैं। उनके बड़े भाई अभिषेक शर्मा सत्र न्यायाधीश, विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव और रेलवे मजिस्ट्रेट रह चुके हैं। उनकी बहन विभा पांडे कांकेर की जिला एवं सत्र न्यायाधीश हैं, जिनके पति विनय पांडे भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में उपमहाधिवक्ता के पद पर हैं।
परिवार में उनके सगे चाचा महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट रतनपुर के वर्षों से वर्तमान उपाध्यक्ष के साथ पूजा प्रभारी हैं। उनके चचेरे भाई शैलेंद्र शर्मा अधिवक्ता हैं, जिनकी पत्नी श्रद्धा शुक्ला शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश हैं।

विवेक शर्मा राज्य के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता हैं,
3 जून 1980 को बिलासपुर में जन्मे। उनका शिक्षण किशोरावस्था से ही विधि क्षेत्र में रहा, उन्होंने जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 2003 से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर ली और अब तक कई बड़े मामलों में शासन की पैरवी की है, जिनमें लीकर स्कैम, कोल स्कैम जैसे मामले भी शामिल हैं।
यह नियुक्ति 21 नवंबर 2025 को जारी आदेश के द्वारा हुई, जिसके तहत वे संविधान के अनुच्छेद 165 की शक्ति के तहत राज्य के मुख्य कानूनी सलाहकार बनाए गए हैं। इस पद पर वे सभी न्यायालयों में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे।
यह नियुक्ति छत्तीसगढ़ के कानूनी मामलों एवं नीतिगत मामलों में मजबूती एवं रणनीतिक बदलाव की उम्मीद जगाती है। विवेक शर्मा ने अपनी योग्यता और परिवार के न्यायिक विरासत के साथ इस पद को प्राप्त किया है और राज्य सरकार की कानूनी मामलों में नई दिशा देने के लिए तैयार हैं।
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