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उपसंचालक, कृषि पर महिला कर्मी ने लगाया पूर्वाग्रह से उत्पीड़न का गंभीर आरोप,


संचालक कृषि से कार्रवाई के लिए की गई शिकायत,

संयुक्त संचालक कार्यालय से महिला अधिकारी की नियुक्ति को उपसंचालक ने बना लिया है इगो का प्रश्न,

जांजगीर।  ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रसेड़ा ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारी,  उप संचालक कृषि,जांजगीर पर उत्पीड़न और वेतन रोकने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने कृषि विभाग के संचालक  को शिकायत पत्र भेजकर प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने की कार्रवाई की मांग की है।

शिकायत में महिला अधिकारी ने उल्लेख किया है कि उन्हें संयुक्त संचालक  कृषि (जेडीए) बिलासपुर के आदेश से ग्राम रसेड़ा में पदस्थ किया गया है। अकलतरा कृषि कार्यालय में उनके साथ अन्य कर्मचारी भी सलंग्न हैं, परंतु उपसंचालक कृषि जांजगीर-चांपा द्वारा शुरुआत से ही उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डीडीए लगातार उनके विरुद्ध पत्राचार करते रहे हैं, जिससे वे मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहीं हैं।

महिला अधिकारी ने यह भी लिखा है कि डीडीए ने बिना किसी आधार और सक्षम विभागीय आदेश के उनका वेतन रोक दिया है। उन्होंने कहा है कि वेतन रोकना न केवल अवैध है बल्कि यह महिला कर्मचारी के उत्पीड़न का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अन्य अटेचमेंट कर्मचारी भी विभाग में कार्यरत हैं, लेकिन उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। यह कार्रवाई व्यक्तिगत शत्रुता के आधार पर की गई प्रतीत होती है।

इस शिकायत के आधार पर डीडीए के अधीनस्थ एसडीओ कृषि ने महिला अधिकारी को 28 अक्टूबर को एसडीओ कार्यालय में उपस्थित होकर संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए पत्र जारी किया है।
अब सवाल यह उठता है कि जब जांच उसी अधिकारी के अधीनस्थ द्वारा की जाएगी, जिस पर आरोप लगाए गए हैं, तो क्या जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो सकेगी? विभागीय स्तर पर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं कर्मचारी संगठन भी इस पूरे  प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं।
न्यायपूर्ण कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।

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