रायपुर/सुकमा | रिपोर्ट: कान्हा तिवारी | 10 जून 2025
सुकमा के कोन्टा इलाके में हुए घातक नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे की शहादत के महज 24 घंटे बाद ही छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल मोर्चे पर रणनीतिक पुनर्संरचना करते हुए बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। बस्तर के संवेदनशील जिलों में ऑपरेशनल जिम्मेदारी अब युवा और प्रशिक्षित आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई है।

राज्य शासन ने 2021 बैच के आठ आईपीएस अधिकारियों की नवीन पदस्थापना करते हुए उन्हें सीधे एएसपी (ऑप्स) पदों पर बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। यह पहली बार है जब राज्य पुलिस सेवा (SPS) के बजाय इन पदों पर सीधे आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
नक्सल रणनीति में टर्निंग पॉइंट
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लंबे समय से चल रहा है, लेकिन एएसपी गिरेपुंजे की शहादत ने प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जमीनी स्तर पर रणनीति को और प्रभावी बनाने की ज़रूरत है। आईईडी विस्फोट जैसे हमले यह स्पष्ट करते हैं कि बस्तर मोर्चे पर अब ज्यादा ऊर्जा, आक्रामकता और प्रशिक्षित नेतृत्व की आवश्यकता है।
इस निर्णय को “सरकार की नक्सल नीति में निर्णायक बदलाव” के रूप में देखा जा रहा है। यह बदलाव दर्शाता है कि अब ऑपरेशनल नेतृत्व उन अधिकारियों को सौंपा जाएगा जो संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से चयनित होकर विशेष प्रशिक्षण से गुजरे हैं।
इन अधिकारियों को मिली बस्तर में अहम जिम्मेदारी
गृह विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता द्वारा राज्यपाल के नाम पर जारी आदेश के अनुसार, जिन अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं, वे निम्नानुसार हैं:
नाम नवीन पदस्थापना


उदित पुष्कर एएसपी (ऑप्स), दंतेवाड़ा
रोहित कुमार शाह एएसपी (ऑप्स), सुकमा
रविंद्र कुमार मीणा एएसपी (ऑप्स), बीजापुर
अमन कुमार रमन झा एएसपी (ऑप्स), बीजापुर
आकाश श्रीश्रीमाल एएसपी (ऑप्स), भानुप्रतापपुर (कांकेर)
अजय कुमार एएसपी (ऑप्स), नारायणपुर
अक्षय ब्रह्माण्ड साबद्र एएसपी (ऑप्स), नारायणपुर
आकाश कुमार शुक्ला एएसपी (एसटीएफ), बघेरा (दुर्ग)
वरिष्ठ अधिकारियों ने क्या कहा?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:
“यह पुनर्संरचना एएसपी गिरेपुंजे की शहादत के बाद आवश्यक हो गई थी। कोन्टा में हुए आईईडी विस्फोट ने यह साफ कर दिया कि बस्तर में रणनीतिक नेतृत्व को और मजबूती देने की ज़रूरत है। सरकार अब युवा और प्रशिक्षित आईपीएस अधिकारियों को अग्रिम पंक्ति में तैनात कर अभियान क्षमता को धार दे रही है।”
क्या बदलेगा इस फैसले से?
ऑपरेशनल नेतृत्व में नवाचार
मोरल और प्रोफेशनल मोटिवेशन में इजाफा
जमीनी इंटेलिजेंस और रेस्पॉन्स समय में सुधार
संचालित अभियानों में तेज़ी और आक्रामकता
एएसपी गिरेपुंजे की वीरगति ने सरकार को दिया संकल्प
31 वर्षीय एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे, जिन्होंने कोन्टा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गश्त के दौरान अपनी जान गंवाई, को पूरे राज्य ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। उनकी शहादत न केवल पुलिस बल के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि सरकार के लिए एक चेतावनी भी थी कि नक्सली रणनीतियों का जवाब अब एक नए दृष्टिकोण से देना होगा।
संपादकीय टिप्पणी –
छत्तीसगढ़ की नक्सल नीति अब निर्णायक बदलाव के दौर से गुजर रही है। यह ताजा नियुक्ति केवल प्रशासनिक फेरबदल नहीं, बल्कि नक्सल उन्मूलन के लिए एक रणनीतिक पुनर्निर्माण है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये युवा आईपीएस अधिकारी बस्तर में शांति स्थापित करने के मिशन को किस गति और संकल्प के साथ आगे बढ़ाते हैं।
