किसानों की बढ़ती समस्याएं: भारतीय किसान संघ ने तहसील बेलगहना मे मुख्यमंत्री के नाम सौंपा मांगपत्र

किसानों की बढ़ती समस्याएं: भारतीय किसान संघ बेलगहना ने तहसील मे मुख्यमंत्री के नाम सौंपा मांगपत्र

बिलासपुर (छत्तीसगढ़): किसानों की समस्याएं दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही हैं। खाद, बिजली और सिंचाई जैसी बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति में लगातार आ रही बाधाओं के चलते किसानों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसी को लेकर भारतीय किसान संघ बेलगहना के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल समाधान की मांग की है।

संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के किसान इस समय खाद की कालाबाजारी, अघोषित बिजली कटौती और नहरों से सिंचाई जल की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं से बेहद परेशान हैं। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की विफलता और भ्रष्टाचार पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।

ज्ञापन में रखी गई प्रमुख मांगें:
1. खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए और सहकारी समितियों में पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
2. अघोषित बिजली कटौती पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा हाफ बिजली बिल योजना को पुनः लागू किया जाए।
3. सिंचाई रकबा में वृद्धि की जाए और नहर का पानी अंतिम गांवों तक पहुंचाया जाए।
4. पिछली सरकार की न्याय योजना की चौथी किश्त दीपावली से पहले वितरित की जाए।
5. धान का समर्थन मूल्य ₹3286 प्रति क्विंटल किया जाए और धान खरीदी 1 नवंबर से प्रारंभ की जाए।
6. दलहन-तिलहन की खेती पर प्रति एकड़ ₹20,000 का अनुदान दिया जाए एवं रबी फसलों की खरीदी सुनिश्चित हो।
7. गन्ना फसल को कृषक उन्नति योजना में शामिल किया जाए।
8. जैविक खेती पर केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान का लाभ किसानों को तत्काल मिले।
9. धान खरीदी में अधिकतम 40.700 किलो प्रति बोरी का नियम सख्ती से लागू हो और समितियों में इसकी जानकारी प्रदर्शित की जाए।
10. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बेलगहना में शाखा कार्यालय खोला जाए।
11. खोंगसरा डायवर्सन की नहर की मरम्मत और सफाई कराई जाए तथा प्रभावित 40 किसानों को मुआवजा दिया जाए।
12. अरपा नदी में आई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया जाए।
13. बेलगहना-कोनचरा क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जाए।
14. कृषि पंपों के अस्थायी कनेक्शन को स्थायी किया जाए और बिजली बिलों में अनावश्यक वृद्धि रोकी जाए।
15. सेवा सहकारी समितियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
16. राजस्व विभाग के ऑनलाइन भूमि दस्तावेज़ में सुधार किया जाए।
17. कृषक मित्रों का लंबित मानदेय तत्काल जारी किया जाए।
18. ट्यूबवेल व मोटर पंप से जुड़े किसानों के 5–10 वर्षों से लंबित बिजली बिल माफ किए जाएं।

अध्यक्ष पाण्डेय ने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो भारतीय किसान संघ आंदोलन की राह अपनाने को विवश होगा। उन्होंने सरकार से किसानों की आवाज़ को गंभीरता से सुनने और तत्काल प्रभाव से ठोस निर्णय लेने की अपील की।
Live Cricket Info