
बिलासपुर रिपोर्टर सुरेंद्र मिश्रा
प्रशासन की नाक के नीचे बेखौफ चल रहा अवैध रेत का कारोबार

बिलासपुर ।बेलगहना तहसील क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का गोरखधंधा तेजी से फल-फूल रहा है। बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत से भरे ओवरलोड ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली दिन-रात सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पड़ाव पारा राम मंदिर चौक से नाका होते हुए अवैध रेत की ढुलाई धड़ल्ले से की जा रही है। भारी वाहनों के कारण कोटा की बेजान और जर्जर सड़कों पर और अधिक दबाव पड़ रहा है, जिससे सड़कें बदहाल हो चुकी हैं।
इन घाटों से हो रहा है अवैध उत्खनन

बेलगहना क्षेत्र में कोनचरा, छतौना, रतखंडी, करहीकछार, चांटापारा, सोढा, बरपाली और पंहदा घाटों से अवैध रेत का उत्खनन किया जा रहा है। यहां से बड़ी मात्रा में बिना किसी वैध दस्तावेज के रेत निकाली जाती है और हाईवे व ग्रामीण सड़कों के जरिए परिवहन किया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय इन इलाकों में अवैध परिवहन और भी तेज हो जाता है, जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार से खतरा बढ़ा अवैध रेत परिवहन में इस्तेमाल हो रहे ओवरलोड वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। तेज रफ्तार से दौड़ते ये वाहन न केवल सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि राहगीरों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन चुके हैं। कई बार प्रशासन द्वारा छिटपुट कार्रवाई की जाती है, लेकिन वह नाकाफी साबित होती है।
प्रशासन की उदासीनता से माफियाओं के हौसले बुलंद

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह कारोबार संभव नहीं है। संबंधित विभाग और पुलिस की निष्क्रियता के कारण रेत माफिया बेखौफ होकर अपना काम कर रहे हैं। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि प्रशासन समय रहते सख्त कदम नहीं उठाता तो यह समस्या और विकराल हो सकती है, जिससे न केवल सरकारी राजस्व की हानि होगी, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है या फिर यह गोरखधंधा यूं ही जारी रहेगा।
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