धान खरीदी का मौसम शुरू, किसानों के खातों में पहुंचने लगे मेहनत के रुपये; पुलिस ने जारी की चेतावनी

दुर्ग – ज़िले में धान खरीदी सीज़न की शुरुआत के साथ किसानों की सालभर की मेहनत अब धनराशि के रूप में उनके बैंक खातों में आने लगी है। इसी बीच ठग और साइबर अपराधी भी सक्रिय हो रहे हैं। किसानों की आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए दुर्ग पुलिस एसएसपी विजय अग्रवाल ने किसानों को सावधान रहने और सतर्कता बरतने की अपील की है। वहीं, सभी खरीदी केंद्रों में जागरूकता पोस्टर लगाए जा रहे हैं ताकि हर किसान तक सुरक्षा संदेश पहुँचे और किसी भी धोखाधड़ी से बचाव हो सके।
दुर्ग पुलिस ने विस्तृत दिशा–निर्देश जारी किए हैं जिनमें कहा गया है कि किसान बैंक में लेनदेन के दौरान एहतियात रखें। बैंक से सहायता हमेशा केवल अधिकृत कर्मचारियों से ही लें और पैसे निकालने के बाद उन्हें सार्वजनिक स्थान पर गिनने से बचें। इसके साथ ही, बैंक आने–जाने के दौरान चौकसी रखना जरूरी बताया गया है।
एडवाइजरी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि नकदी को वाहन की डिक्की में न रखें और सफर के दौरान अनावश्यक रूप से कहीं रुकें नहीं। जरूरत महसूस होने पर परिवार के किसी सदस्य को साथ लेकर बैंक जाएँ।
साइबर ठगी के बढ़ते खतरों को देखते हुए पुलिस ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे अपने OTP, PIN और UPI पासवर्ड किसी को भी न बताएं। बैंक कभी फोन पर व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता, इसलिए ऐसे कॉल को तुरंत धोखाधड़ी मानकर अनदेखा करें। पुलिस ने झूठे कस्टमर केयर, लिंक शेयरिंग, फर्जी KYC और AI आवाज वाले फ्रॉड कॉल से दूर रहने की बात कही है।
इसके अलावा, पुलिस ने “डिजिटल गिरफ्तारी” जैसे नए ऑनलाइन धोखे से भी आगाह किया है। अपराधी खुद को पुलिस या CBI अधिकारी बताकर लोगों को खाते ब्लॉक होने की धमकी देते हैं और पैसे जमा करने का दबाव बनाते हैं। दुर्ग पुलिस ने दोहराया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी फोन पर गिरफ्तारी या धन जमा करने के लिए नहीं कहता।
अगर किसी किसान को संदिग्ध व्यक्ति नजर आए या लगे कि कोई पीछा कर रहा है, तो तुरंत कंट्रोल रूम नंबर 9479192099 या डायल 112 पर संपर्क करें।
दुर्ग पुलिस का संदेश साफ है – जागरूक किसान ही सुरक्षित किसान। साथ ही, नागरिकों से आग्रह किया गया है कि इस सूचना को अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाएं ताकि किसी ठगी या अपराध से बचा जा सके।
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