
Raipur रायपुर। रद्दी में पुस्तकें बेचने के मामले में पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। बता दे छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर हैं। इस मामले में अहम यह है कि शासन द्वारा रद्दी में पुस्तकें बेचने के मामले में बनाई गई जांच टीम में खुद प्रेम प्रकाश शर्मा भी शामिल थे।

मौजूदा शिक्षा सत्र की लाखों किताबें कबाड़ में रद्दी के भाव बेचने की खबर मीडिया में प्रकाशित की गई थी। खबर को संज्ञान में लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने आईएएस व प्रबंध संचालक, छग पाठ्य पुस्तक निगम, रायपुर राजेंद्र कटारा की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया था। मीडिया में इस बात की खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित की गई थी कि मौजूदा शिक्षा सत्र में जिन किताबाों को बच्चों के स्कूली बैग में होना चाहिए था उसे रद्दी के भाव पर कबाड़ियों को बेच दिया है। राजधानी रायपुर से लगे सिलियारी के रियल बोर्ड पेपर मिल में लाखों रुपये की किताबों को जिम्मेदारों ने चंद रुपयों के लालच में बेच दिया है। इधर शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी जरुरतमंद बच्चों को किताब ना मिलने का कारण स्कूल बैग खाली है। बिना पुस्तक के बच्चों को पढ़ाई करने की अपनी मजबूरी है।
मीडिया में इस बात की खबर प्रकाशित होने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग हरकत में आया और विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने इस पूरे मामले की जांच करने आईएएस राजेंद्र कटारा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति की खास बात यह थी कि कलेक्टर रायपुर को अपनी तरफ से एक सदस्य को नियुक्ति करने का अधिकार दिया गया था। कलेक्टर जिस किसी प्रशासनिक अफसर को अपनी तरफ से नामित करेंगे जांच दल का हिस्सा बनकर पड़ताल करते।
रद्दी के भाव बेचे लाखों के किताब,इन्होंने की जांच:–
राजेन्द्र कटारा (आईएएस), प्रबंध संचालक, छग पाठ्य पुस्तक निगम, रायपुर
डॉ योगेश शिवहरे, अतिरिक्त संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, छग रायपुर
राकेश पाण्डेय, संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग, रायपुर
प्रेम प्रकाश शर्मा, महाप्रबंधक, छग पाठ्य पुस्तक निगम, रायपुर
कलेक्टर रायपुर द्वारा नामांकित जिला प्रशासन के अधिकारी
जांच रिपोर्ट के बाद छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है
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