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छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद का ऐतिहासिक निर्णय: नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब अन्य विभागों में भी अनुकम्पा नियुक्ति का अधिकार



अब शहीदों के परिजन विभाग चुन सकेंगे, विकल्प की आज़ादी मिली उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जताया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार सरकार की संवेदनशील पहल, शहीदों के सम्मान में बड़ा फैसला

बिलासपुर,ब्यूरो सुरेंद्र मिश्रा 1 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों के हित में एक गंभीर, मानवीय और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब इन शहीदों के परिवारों को अनुकम्पा नियुक्ति केवल पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे राज्य शासन के किसी भी विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति पा सकेंगे, वह भी अपने सुविधा के अनुसार जिला अथवा संभाग में।

राज्य मंत्रिपरिषद ने हाल ही में “एकजाई पुनरीक्षित अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश-2013” की कंडिका 13(3) में संशोधन को मंजूरी दी है। यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही शहीद परिवारों की मांगों को दृष्टिगत रखते हुए लिया गया है।



🔹 “शहीदों के परिवारों को विकल्पहीन नियुक्ति देना न्यायसंगत नहीं था” — विजय शर्मा

उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि—

“शहीद हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। जिन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगाकर प्रदेश की रक्षा की, उनके परिवारों को केवल एक विकल्प देना उचित नहीं था। उनकी मांगों को हमने पूरी गंभीरता से सरकार के समक्ष रखा और मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की अध्यक्षता में यह मानवीय फैसला लिया गया।”

उन्होंने बताया कि अब शहीदों के परिजनों को यह अधिकार होगा कि वे किस विभाग में नौकरी करना चाहते हैं। इससे न केवल उन्हें सुविधा मिलेगी बल्कि उनकी पसंद और योग्यताओं के आधार पर सम्मानजनक रोजगार भी मिलेगा।



🔹 अनिवार्य नियुक्ति अब केवल पुलिस विभाग में नहीं

अब तक का प्रावधान यह था कि अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाती थी जिसमें शहीद सरकारी सेवक कार्यरत था, यानी पुलिस विभाग। लेकिन इस निर्णय के बाद, अब वे स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व, पंचायत, या अन्य किसी उपयुक्त विभाग में नियुक्ति का विकल्प चुन सकते हैं।

यह फैसला उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर मंत्रिपरिषद में प्रस्तुत किया गया, जिसे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने संवेदनशीलता के साथ स्वीकार किया और सर्वसम्मति से पारित कराया।


🔹 शहीद परिवारों की लंबे समय से थी यह मांग

उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि उन्हें शहीदों के परिजनों और संगठनों से बार-बार यह मांग प्राप्त हो रही थी कि उनकी अनुकम्पा नियुक्ति में विकल्प और सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने इस मांग को न केवल सुना, बल्कि उस पर सक्रिय रूप से कार्रवाई भी की।

“यह निर्णय शहीदों के बलिदान को सिर्फ सम्मान ही नहीं देता, बल्कि उनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व को भी दर्शाता है।” — उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा



✅ यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
• 🔸 शहीद परिवार अब अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार विभाग चुन सकेंगे
• 🔸 पुलिस विभाग की नौकरी की कठिनाइयों से राहत मिलेगी
• 🔸 राज्य शासन की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व की मिसाल
• 🔸 यह फैसला भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकता है

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