

ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जबलपुर हाईकोर्ट ने दिए हैं। प्रदेश के डीजीपी और महाधिवक्ता को 4 घंटे के भीतर अपराध दर्ज करने की निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं l मामले की अगली कल गुरुवार सुबह को रखी गई है।
पाकिस्तान के द्वारा संरक्षण प्राप्त आतंकवादियों के द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का सेना के ऑपरेशन की जानकारी दी थी।
मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने एक सार्वजनिक सभा में कर्नल सोफिया कुरैशी को टारगेट करते हुए बिना उनका नाम लिए उन्हें आतंकवादियों की बहन बताया था। मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी आतंकियों की उनकी बहन को भेज कर उनकी ऐसी तैसी– करवाई। मंत्री के बयान का वीडियो सामने आते ही देश भर में बवाल मच गया और मंत्री के खिलाफ छत्तीसगढ़ समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ।
विवाद बढ़ता देख भाजपा ने मंत्री के बयान को निजी बयान होना और पार्टी से इस बयान का कोई समर्थन नहीं होना बोल पल्ला झाड़ लिया। विवादों को देखते हुए मंत्री विजय शाह ने भी अपने बयान को लेकर माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। कर्नल सोफिया कुरैशी उनके लिए सगी बहन से बढ़कर है। पर उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के द्वारा भी प्रदर्शन कर मंत्री के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की।
आज मध्यप्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट ने मंत्री के बयान पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ अपराध दर्ज करने के आदेश दिए है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कैबिनेट मंत्री विजय शाह के खिलाफ 4 घंटे के भीतर एफआईआर करवाने के निर्देश डीजीपी और महाधिवक्ता को दिए हैं।
हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि 4 घंटे के भीतर मंत्री के खिलाफ किसी भी स्थिति में अपराध दर्ज हो जाना चाहिए। मंत्री के खिलाफ बीएनएस की धारा 196 तथा 197 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी डिवीजन बेंच ने दिए हैं।
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई कल गुरुवार की सुबह अदालत खुलते ही सबसे पहले रखी है। वही हाईकोर्ट की आदेश के बाद प्रदेश के राजनैतिक हलको में सरगर्मी बढ़ गई है।