
भाजपा, कांग्रेस की राजनीति की शिकार हो रही आम जनता

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आम जनता के हित में जांजगीर जिले के खंड मुख्यालय बम्हनीडीह को नगर पंचायत का दर्जा दिया था। नगर पंचायत बनाने का श्रेय के चक्कर में यहाँ गठन के छह माह बीतने के बाद चुनाव संबंधी को पहल भाजपा सरकार और चुनाव आयोग द्वारा नहीं की जा रही है।
सुशासन का ढिंढोरा पिटने वाली भाजपा सरकार बडे जोर शोर से सुशासन का ढिंढोरा पीट रही है। लेकिन बम्हनीडीह की आम जनता से संबंधित कार्य के लिए सरकार के पास वक्त नही है।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के बम्हनीडीह को नगर पंचायत बना दिया गया है। लेकिन, 6 महीने बाद भी यहां चुनाव नहीं कराया जा रहा है भाजपा कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का आम जनता शिकार हो रही है जिसके कारण जनता में शासन के प्रति रोष ब्याप्त है।
इसे लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, बम्हनीडीह ब्लॉक मुख्यालय पहले ग्राम पंचायत था। जिसे राज्य शासन ने नगर पंचायत का दर्जा दिया है। शासन ने इसके लिए 4 नवंबर 2025 को अधिसूचना जारी की थी। यह अधिसूचना नगर पालिका अधिनियम की धारा 5 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी की गई। जब प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव हुए, तब यहां चुनाव नहीं कराया जा सका।
6 महीने बाद भी चुनाव नहीं
नगर पंचायत बनाने के 6 महीने बाद भी यहां आम चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। वहीं, नगर पंचायत के कार्य संचालन के लिए विशेष समिति का भी गठन नहीं किया गया है। इसके खिलाफ ग्राम पंचायत की सरपंच मालती पटेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
इसमें बताया गया है कि, नवगठित नगर पंचायत के लिए धारा 16 के अनुसार विशेष समिति का गठन किया जाना चाहिए। गठन के 6 महीने के भीतर विधिवत आम चुनाव घोषित किया जाना चाहिए।
ब्लॉक मुख्यालय में नहीं हो रहा काम
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि, ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद सारी प्रक्रियाएं रुकी हुई है। वर्तमान स्थिति में पंचायत में कोई काम स्वीकृत नहीं किए जा रहा है। वहीं, नगर पंचायत स्तर पर भी कोई काम नहीं हो रहा है।
इसके चलते स्थानीय लोगों को दिक्कतें हो रही है। याचिका में नगर पंचायत का चुनाव कराने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने मामले में राज्य शासन के नगरीय प्रशासन सचिव और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


