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Bilaspu Highcourt News:– राज्य के मुक्तिधामों की स्थिति सुधारने के लिए कलेक्टरों से मांगी रिपोर्ट, हाईकोर्ट ने किया निर्देश

Bilaspu Highcourt News:– राज्य के मुक्तिधामों की स्थिति सुधारने के लिए कलेक्टरों से मांगी रिपोर्ट, हाईकोर्ट ने किया निर्देश

Bilaspu Highcourt News:– बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य भर के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे श्मशान घाट और अन्य अंत्येष्टि स्थलों की स्थिति सुधारने के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही मुख्य सचिव से पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग को श्मशान और अंत्येष्टि स्थलों के रखरखाव और उन्नयन के लिए क्रियान्वयन रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार सुनिश्चित करे कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी अंत्येष्टि स्थल पर्याप्त बजट के तहत सुचारू रूप से रखरखाव और उन्नयन के लिए संसाधन प्राप्त करें।

Bilaspur बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य के मुक्तिधामों की बदहाल स्थिति पर सभी जिलों के कलेक्टरों से फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस ए. के. प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कहा कि गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार संविधान के तहत जीने के अधिकार का हिस्सा है, इसलिए सरकार का दायित्व है कि प्रत्येक मुक्तिधाम में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित हों। मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।

चीफ जस्टिस सिन्हा 29 सितंबर को रहंगी में एक अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे और वहां मुक्तिधाम की बदहाली देखी। मुक्तिधाम तक कोई पहुंच मार्ग नहीं था, पानी और बैठने की व्यवस्था अनुपस्थित थी। हाईकोर्ट ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। बिलासपुर के कलेक्टर ने शपथ पत्र में बताया कि रहंगी मुक्तिधाम में तुरंत सुधार कार्य किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने हॉल को प्रतीक्षालय में बदला गया, पीने के पानी की व्यवस्था की गई और अंतिम संस्कार प्लेटफॉर्म की मरम्मत कराई गई। मुख्य सड़क से मुक्तिधाम तक सीसी रोड बनाने के लिए 10 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति भी दी गई है।

सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, हाईकोर्ट बोला- लागू करना जरूरी
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार ने पहल की। मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 6 अक्टूबर और नगरीय प्रशासन विभाग ने 8 अक्टूबर को सभी मुक्तिधामों के रखरखाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में साफ-सफाई, ग्रीन फेंसिंग या कंटीले तार से बाउंड्री, शेड की मरम्मत, बिजली, पानी और पुरुष-महिला के लिए अलग शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश शामिल हैं। कोर्ट ने पाया कि इन गाइडलाइनों का राज्यभर में समान रूप से पालन नहीं हो रहा है।

33 जिलों के कलेक्टरों से मांगी कंप्लायंस रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि 6 और 8 अक्टूबर 2025 को जारी गाइडलाइन का अक्षरशः पालन हो। प्रत्येक कलेक्टर को अपने जिले के सभी मुक्तिधामों की ताजा तस्वीरों के साथ विस्तृत रिपोर्ट 8 दिसंबर 2025 तक हाईकोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी।

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