
कोरबा की सियासत में भूचाल: BJP से बगावत कर जीतने वाले नूतन सिंह अब पूरी तरह अकेले, VHP ने भी झाड़ा पल्ला!
कोरबा नगर निगम सभापति चुनाव में BJP के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को धूल चटाकर नूतन सिंह राजपूत ने खुद को ताकतवर साबित किया, लेकिन अब वो सियासी मैदान में पूरी तरह अलग-थलग पड़ चुके हैं। न चुनाव के पहले BJP पार्षद उनके साथ खड़े थे, न अब कोई पास फटक रहा है। और अब बधाई के पोस्टर पर मचे बवाल ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। धार्मिक संगठनों का सहारा लेने की कोशिश भी उल्टी पड़ गई—VHP और बजरंग दल ने उनके नाम से पल्ला झाड़ दिया।
VHP की दो टूक – ‘हमारा नाम क्यों इस्तेमाल किया?’
नूतन सिंह ने अपनी जीत का ढोल पीटने के लिए शहरभर में बधाई के पोस्टर लगवाए, जिनमें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का नाम भी ठूंस दिया। लेकिन जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो VHP ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट कर दिया कि यह पोस्टर उनकी मंजूरी के बिना लगाए गए हैं और संगठन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। VHP के जिला सह मंत्री राज नारायण गुप्ता ने वीडियो जारी कर कहा कि नूतन सिंह को फोन कर संगठन का नाम हटाने को कहा गया है और उन्होंने ऐसा करने का आश्वासन दिया है।
BJP पहले ही कर चुकी है बाहर, अब नई मुसीबत!
पहले ही बगावत कर BJP से 6 साल के लिए निष्कासित हो चुके नूतन सिंह अब दोहरी मार झेल रहे हैं। जिन संगठनों के सहारे उन्होंने खुद को मजबूत दिखाने की कोशिश की, वही अब उनका साथ छोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ, भाजपा पहले से ही स्थानीय विधायक और श्रम उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन को नोटिस थमा चुकी है, क्योंकि पार्टी मान रही है कि बगावत के पीछे उनकी भी भूमिका हो सकती है। अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी गई है, जो पूरे मामले की तहकीकात करेगी।
क्या अब नूतन सिंह का खेल खत्म?
BJP से बाहर होने के बाद नूतन सिंह के पास अब ज्यादा सियासी विकल्प नहीं बचे हैं। पार्टी के नेता उनसे दूरी बना चुके हैं, पार्षद उनके नामांकन के समय से उनके साथ नहीं हैं, और अब धार्मिक संगठनों ने भी उन्हें ठुकरा दिया। क्या यह नूतन सिंह के राजनीतिक सफर का अंत होगा या फिर वह कोई नया दांव खेलेंगे? कोरबा की राजनीति में अगला धमाका कब होगा, सबकी नजरें इसी पर टिकी हैं ! कोरबा के लोगो की नज़र टिकी है इस पूरे सियासी खेल पर…


