ChhattisgarhINDIAछत्तीसगढ़जरूरी खबरदुर्गदेशबड़ी ख़बरराज्य एवं शहरलापरवाही

CG  Teacher News:– मातृत्व पर रोक! डीईओ का विवादित आदेश — “संतान पालन अवकाश” हुआ सस्पेंड, शिक्षिकाओं ने कहा– यह तो मातृत्व का अपमान है


Durg Teacher News:– दुर्ग जिले में अब महिला शिक्षिकाएं संतान पालन अवकाश नहीं ले सकेंगी। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि संतान पालन अवकाश के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहे थे। वहीं, इस निर्णय से महिला शिक्षिकाओं में असंतोष और नाराजगी देखी जा रही है।

Durg दुर्ग। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक किसी भी परिस्थिति में संतान पालन अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। डीईओ ने कहा है कि यह कदम परीक्षा परिणामों में सुधार और मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत लिए जा रहे उपायों का हिस्सा है। हालांकि, आदेश को लेकर महिला शिक्षिकाएं इसे अपने अधिकारों का उल्लंघन बता रही हैं।

जारी निर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य एवं संभाग स्तरीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बैठकों में शिक्षा गुणवत्ता सुधार, परीक्षा परिणाम बेहतर करने और कमजोर विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। डीईओ के अनुसार कई संस्था प्रमुखों ने जानकारी दी थी कि विषय शिक्षिकाओं के संतान पालन अवकाश पर रहने से शिक्षण कार्य बाधित हुआ और परीक्षा परिणामों पर असर पड़ा।

इसी आधार पर डीईओ ने यह आदेश जारी किया कि अब नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक किसी भी परिस्थिति में संतान पालन अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि यदि किसी संस्था प्रमुख ने पहले से अवकाश स्वीकृत किया है, तो वह निरस्त माना जाएगा। हालांकि शासन अथवा उच्च स्तर पर स्वीकृत अवकाश पर यह रोक लागू नहीं होगी। विशेष परिस्थितियों में अवकाश स्वीकृति पर अंतिम निर्णय डीईओ लेंगे।

महिला शिक्षिकाओं में नाराजगी:
इस आदेश के बाद महिला शिक्षिकाओं ने इसे अनुचित बताते हुए विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह न केवल शिक्षिकाओं के अधिकारों का हनन है, बल्कि मानसिक उत्पीड़न भी है। उनका तर्क है कि शासन ने जो सुविधाएं और अधिकार प्रदान किए हैं, उन्हें प्रशासनिक स्तर पर रद्द करना न्यायसंगत नहीं है।

730 दिनों का होता है संतान पालन अवकाश:
राज्य शासन के नियमों के अनुसार महिला कर्मचारियों को दो बच्चों तक के पालन-पोषण हेतु पूरे सेवा काल में अधिकतम 730 दिनों का संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया जाता है। यह अवकाश 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल के लिए दिया जाता है। वहीं, दिव्यांग बच्चों के मामले में उम्र सीमा लागू नहीं होती, परंतु कुल अवकाश अवधि 730 दिन से अधिक नहीं हो सकती। यदि बच्चे में 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता है, तो उम्र सीमा की शर्त हट जाती है।

महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि शासन द्वारा स्वीकृत यह सुविधा सेवा नियमों का अभिन्न हिस्सा है, और इसे रोकना शिक्षा विभाग का अधिकार नहीं है। अब यह मामला जिले में शिक्षिकाओं के बीच चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button