छत्तीसगढ़

लोन नहीं पटाया तो IDFC बैंक के रिकवरी एजेंटों ने फोड़ा युवक का सिर

भिलाई । लोन देने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देने वाली निजी बैंकों की असलियत तब सामने आती है जब वसूली के नाम पर अत्याचार किया जाता है। भिलाई के सुपेला क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां आईडीएफसी बैंक के रिकवरी एजेंटों ने एक युवक पर बर्बर हमला कर उसका सिर फोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी एजेंटों की जांच शुरू कर दी है।

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

लोन देने के समय दिखाते हैं मीठे सपने, वसूली में दिखाते हैं दादागिरी

बैंक एजेंट लोन देते समय कम ब्याज और आसान किस्तों का लालच देते हैं, लेकिन लोन लेने के बाद असल परेशानी शुरू होती है। ब्याज दरें कई गुना अधिक हो जाती हैं, और नियम-कायदे अंग्रेजी में इतने छोटे अक्षरों में होते हैं कि ग्राहक उन्हें ठीक से समझ नहीं पाते। जब कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी की वजह से कुछ समय के लिए किस्त नहीं भर पाता, तो ये बैंक गुंडों की तरह जबरन वसूली करते हैं और मारपीट तक पर उतर आते हैं।

 

सुपेला क्षेत्र में युवक के साथ मारपीट

ऐसा ही एक मामला सुपेला क्षेत्र के फरीदनगर में सामने आया है, जहां आईडीएफसी बैंक के रिकवरी एजेंटों ने युवक सैय्यद फारुख पर हमला कर दिया। सुपेला पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

क्या है मामला?

पीड़ित सैय्यद फारुख, जो साप्ताहिक बाजार में कपड़े की दुकान लगाता है, ने बताया कि उसने तीन माह पहले सुपेला स्थित तव्कल मोबाइल स्टोर से 12,500 रुपये की अलमारी और 12,500 रुपये का मोबाइल खरीदा था। कुल 25,000 रुपये का यह फाइनेंस आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से कराया गया था। उसने 6,000 रुपये डाउन पेमेंट किया था और 2,150 रुपये की मासिक किस्त भरनी थी।

 

फारुख ने बताया कि उसने तीन महीनों तक नियमित किस्त जमा की, लेकिन फरवरी माह में आर्थिक तंगी के कारण किस्त नहीं भर सका। 23 फरवरी को बैंक के रिकवरी एजेंटों ने उसे किस्त जमा करने को कहा, जिस पर उसने 24 या 25 फरवरी को ऑनलाइन भुगतान करने का आश्वासन दिया।

  Pryagraj kumbh Special Train:– छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए एक और कुंभ स्पेशल ट्रेन की सुविधा, जाने कब निकलेगी ट्रेन और कब है वापसी

 

मोबाइल लेने गए युवक को रिकवरी वालों ने घेरा

24 फरवरी की रात करीब 7 बजे जब फारुख अपना मोबाइल लेने तव्कल मोबाइल स्टोर गया, तब आईडीएफसी बैंक के तीन रिकवरी एजेंट वहां पहुंचे और उसे घेर लिया। जब उसने किस्त तुरंत भरने में असमर्थता जताई, तो एजेंटों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। एक एजेंट ने बेल्ट से, दूसरे ने बांस के डंडे से और तीसरे ने मुक्कों से उस पर हमला कर दिया, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई।

 

पुलिस ने दर्ज किया मामला

फारुख के चाचा सैफ अली को घटना की जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे और घायल फारुख को लेकर सुपेला थाने पहुंचे। पुलिस ने युवक का डॉक्टरी परीक्षण कराया और उसकी शिकायत पर आईडीएफसी बैंक के तीन रिकवरी एजेंटों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2), 296-बीएनएस और 3(5)-बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

निजी बैंकों की मनमानी पर उठे सवाल

इस घटना ने निजी बैंकों की मनमानी और दादागिरी को उजागर किया है। कई बार शिकायत करने के बावजूद बैंक अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, क्योंकि उनके राजनीतिक और पुलिस महकमों में गहरे संबंध होते हैं। लोन लेने वाले व्यक्ति जीवनभर पछताते रहते हैं कि वे इनके चंगुल में कैसे फंस गए।

 

अब देखना यह होगा कि इस मामले में पुलिस क्या सख्त कार्रवाई करती है और पीड़ित को न्याय मिल पाता है या नहीं।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Back to top button