
CG Korba News:·– आदिवासी किसान के साथ थाना परिसर में हुई मारपीट की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अपनी साख बचाने भाजपा नेत्री और उनके साथियों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया है। इस मामले में रामपुर विधायक ने भी पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए अपराध दर्ज करने के लिए कोरबा एसपी को पत्र लिखा था।
Korba कोरबा। सत्ता की हनक में आदिवासी को थाने में पीटने वाली भाजपा नेत्री और उनके साथियों पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। सड़क पर साइड देने के मामूली विवाद में आदिवासी युवक को भाजपा की स्थानीय नेत्री ज्योति महंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले मौके पर पीटा फिर उसे बंधक बना कर थाने ले आए और वहां भी धमकी देते हुए पीटा। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने भाजपा नेत्री और उनके साथियों के खिलाफ अपहरण करने, वसूली करने,बंधक बनाने जैसी गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया है। मामला बांकी मोगरा थाना क्षेत्र का है।
पूरा मामला 7 जून का है। 40 वर्षीय बलवान सिंह कंवर पिता स्व. धनसिंह कंवर निवासी ग्राम बरेडीमुड़ा खेती किसानी का काम करता है। वह 7 जून को अपने भाई चंद्रशेखर कवन और मामा रंजीत कंवर के साथ हरदीबाजार बैल खरीदने गया था। एक जोड़ी बैल खरीदने के बाद उसका भाई चंद्रशेखर और मामा रंजीत कंवर पैदल बैलों को लेकर आ रहे थे,जबकि बलवान सिंह कंवर बाइक से आगे आगे जा रहा था।
जब वह बांकीमोगरा रावणभाटा के पास पहुंचा तो फोन पर बात कर रहा था। इस दौरान उसके बाजू से भाजपा नेत्री ज्योति महंत,अमन सिंह और मुकेश राणा तथा अन्य उनके साथी गुजर रहे थे। बलवान सिंह ने फोन पर उससे बात कर रहे व्यक्ति को गाली दी। बलवान सिंह के अनुसार ज्योति महंत को लगा कि मैं उसे गाली दी है, इसलिए उसने गाड़ी रोक कर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।
ज्योति महंत ने कार से उतरकर उसे जाहिल,गंवार और भद्दी गालियां देकर बोलने लगे कि सड़क क्या तेरे बाप का है गंवार, तेरे जैसे 10 लोगों को गंगा नहला चुकी हूं। तेरे को नंगा करके बीच चौराहे में मारूंगी, तू जानता नहीं है मेरी पहुंच को। इसके बाद पुलिस का डर दिखा कर अपने अन्य साथियों को बुलाकर धमका कर तीन– चार मोटरसाइकिलों में प्रार्थी को बंधक बनाकर थाना ले आए।
उस समय पर उनके सभी साथी थाना परिसर में आ गये, फिर उसी बांकीमोंगरा थाना परिसर में उसे लात-जूतों से घसीट-घसीट कर मारा गया। इस दौरान महिला नेत्री ने यह भी कहा कि तू मर भी जाएगा तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके द्वारा मारते-मारते बोला जा रहा था कि देख लिया हमारी पहुँच, जब हम थाना परिसर में मार सकते हैं तो सोच और हम क्या-क्या कर सकते हैं, सरकार पुलिस हमारे जेब में है तुझे अपनी पहुँच से झुठे छेड़छाड़ का केस लगवा कर जेल में सड़ा दूँगी। अगर तु बचना चाहता है तो हमे 20,000 (बीस हजार रू) दे। प्रार्थी के मुताबिक वह गरीब किसान है, उसके पास उतने पैसे नहीं थे तो कहाँ से लाता, फिर अपनी जान बचाने के लिये रिस्तेदार चन्द्रशेखर कंवर से 4500 (चार हजार पाँच सौ रू) देने को कहा जो पेट्रोल टंकी के पास पैसा उन लोगो को दिया, उसके बाद उसे छोडा गया।
थाना परिसर में ही खुलेआम हो रहे मारपीट पर पुलिस भी मुकदर्शक बनी रही और आदिवासी ग्रामीण को पीटता देख भी बीच बचाव नहीं किया। इस घटना का वीडियो बना रहे लोगों पर भी महिला नेत्री के साथी आपत्ति जता रहे हैं। घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस की काफी छिछालेदर हुई। जिस प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री हैं उस प्रदेश में आदिवासी के साथ थाने में ही हुई मारपीट से सोशल मीडिया में भी पुलिस की बदनामी हुई। सत्ता की हनक में भाजपा नेत्री ज्योति महंत खुलेआम थाना परिसर में ही दबंगई दिखाती रहीं। मिली जानकारी के अनुसार वह वह स्थानीय निकाय की निर्वाचित जनप्रतिनिधि रह चुकी है।
उक्त मामले में रामपुर विधायक फूलसिंह राठिया ने भी कोरबा एसपी को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की थी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में आदिवासी किसान के साथ इस तरह की घटना से मै आहत महसूस कर रहा हूं। पूर्व में भी नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत विधानसभा में कोरबा जिले की पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं जो आज साबित होता है। उन्होंने भाजपा नेत्री पर अपराध दर्ज करने की मांग की थी।
वीडियो वायरल होने और अपनी भद्द पीटता देख पुलिस ने पीड़ित के लिखित आवेदन के आधार पर 8 जून रविवार को आरोपी महिला नेत्री ज्योति महंत सहित अमन कुमार राजपूत, मुकेश राणा व साथियों के विरुद्ध धारा 296, 115 (2), 140 (3), 308 (2) तथा 3(5) बीएनएस के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है। इस बात की भी चर्चा शहर में होती रही कि यदि घटना का वीडियो वायरल नहीं होता तो पुलिस कार्यवाही भी नहीं करती।
