
Bilaspur news:– संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाही से गर्भवती महिला के गर्भपात का आरोप लगा है। आरोप है कि दूसरी महिला को लगने वाला इंजेक्शन पांच माह की गर्भवती को लगा दिया गया जिससे उसका गर्भपात हो गया। मामले में महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया।
Bilaspur बिलासपुर। संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल सिम्स में लापरवाही का सनसनीखेज आरोप लगा है। एक गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन देने से 5 माह के गर्भ का गर्भपात हो गया। आरोप है कि उसी वार्ड में भर्ती दूसरी महिला मरीज को लगाने वाला इंजेक्शन गलती से गर्भवती को लगाया गया। जिसके चलते महिला के पांच माह का गर्भ गिर गया। जिसके बाद महिला के परिजनों ने सिम्स में जमकर हंगामा मचाया। वही सिम्स के अधीक्षक ने मामले के जांच करवाए जाने की बात कही है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान हैं। यह मेडिकल कॉलेज होने के साथ–साथ संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। मिली जानकारी के अनुसार कोटा क्षेत्र के ग्राम करगी कला की रहने वाली 24 वर्षीया गर्भवती गिरजा साहू पति बद्री साहू 5 माह की गर्भवती थी। गुरुवार 13 मार्च को उसके पेट में दर्द हुआ तब परिजनों से इलाज के लिए पहले कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। फिर उसे सिम्स रेफर किया गया। गिरिजा के अनुसार उसी वार्ड में कविता नाम की पेशेंट भी भर्ती थी। उसके गर्भ में आठ माह का बच्चा था जिसकी गर्भ में ही मौत हो गई थी। वही गर्भवती महिला का ईलाज जारी था।
परिजनों का आरोप है कि आज अस्पताल स्टाफ को परिजनों ने कविता को इंजेक्शन लगाने को कहा था पर अस्पताल स्टाफ ने कविता की जगह गिरिजा को फोन लगा दिया। मिली जानकारी के अनुसार यह अबोर्शन का इंजेक्शन था जिसे कविता के आठ माह के गर्भ में मृत शिशु को गिराने के लिए लगाना था पर इसे गिरिजा को लगाया गया। गिरिजा के अनुसार बाद में डॉक्टर ने गलत पेशेंट को इंजेक्शन लगाने पर स्टाफ को फटकार लगाई तब उसे गलत इंजेक्शन लगाए जाने का पता लगा।
इंजेक्शन लगाने के बाद बिगड़ी हालत:–
महिला के परिजनों के अनुसार अबॉर्शन का इंजेक्शन लगने के बाद गिरिजा की स्थिति बिगड़ गई। उसे लगातार ब्लीडिंग होने लगी और उसके पांच माह के बच्चे का गर्भपात हो गया।
एचओडी और एमएम बोले:–
सिम्स की महिला विशेषज्ञ और एचओडी डॉक्टर संगीता जोगी और अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर लखन सिंह ने अपना पक्ष रखा। डॉक्टर संगीता जोगी ने कहा कि महिला को ब्लीडिंग के चलते कोटा अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां से उसे सिम्स लाया गया। उसके पास एक सोनोग्राफी था। जिसके अनुसार उसका भ्रूण नीचे था जिसके चलते उसे ब्लीडिंग हो रही थी। इसलिए उसी चीज का ईलाज किया गया और इंजेक्शन लगाया गया। हमारे पास आठ महिला भर्ती थी। महिला को गलत इंजेक्शन लगाए जाने के प्रश्न पर डॉक्टर ने कहा कि दोनों ही महिलाओं को ड्रेनों स्ट्रेट लगाया जाना था। अब परिजन बिना डॉक्टरी टर्म को समझे बिना आरोप लगाएंगे तो क्या ही बोल सकते हैं।
वही एमएस डॉक्टर लखन सिंह ने कहा कि महिला को जिस तकलीफ की वजह से भर्ती करवाया गया उस तकलीफ का इलाज किया गया है। दूसरे परिजन को लगने वाला इंजेक्शन लगने के मामले में परिजनों को धोखा हुआ है। दोनों ही मरीजों को ब्लीडिंग रोकने ड्रेनों स्ट्रेट इंजेक्शन दिया गया था। नर्सों को इंजेक्शन से लेकर इलाज के लिए कई इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं। जिसे परिजनों को सुनने में धोखा हुआ होगा। फिर भी यदि आरोप लग रहे हैं तो जांच करवाई जाएगी।


