
रायपुर- छत्तीसगढ़ की जनता को जिन उम्मीदों के साथ एम्स रायपुर मिला था, वही अब उनके लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है! ताजा मामला हार्निया सर्जरी का है, जिसमें मरीजों को डेढ़ साल की वेटिंग थमा दी जा रही है। जी हां, आपने सही सुना – 18 महीने की वेटिंग!

सितंबर 2024 में पहुंचे एक मरीज को एम्स रायपुर ने सीधे दिसंबर 2025 की तारीख थमा दी। यानी दर्द से कराहते मरीज को डेढ़ साल तक इंतजार करना होगा! सूत्रों के मुताबिक, एम्स रायपुर में ऑपरेशन थिएटर और सर्जन की कोई कमी नहीं, फिर भी इतनी लंबी वेटिंग? आखिर ये किसकी लापरवाही है?
बेड खाली, फिर भी मरीज बाहर!
शिकायतें सिर्फ ऑपरेशन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे! हालत यह है कि बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को लौटाया जा रहा है, और वे इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। एम्स रायपुर प्रशासन की इस लापरवाही ने गरीब मरीजों की परेशानी को और बढ़ा दिया है।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने उठाई आवाज
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने एम्स रायपुर की इस कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील” करार दिया है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे, तो वे प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
करोड़ों का बजट, फिर भी इलाज के लिए ठोकरें?
एम्स रायपुर हर साल करोड़ों का बजट खर्च करता है, सैकड़ों विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हैं, फिर भी मरीजों को महीनों-सालों तक इंतजार करना पड़ रहा है। आखिर यह सिस्टम किसके लिए काम कर रहा है – मरीजों के लिए या सिर्फ कागजी आंकड़ों के लिए?


