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Bilaspur Highcourt News:–
मध्यान्ह भोजन से बिगड़ी स्कूली बच्चों की तबीयत, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से ताज़ा शपथपत्र तलब किया,

Bilaspur Highcourt News:–
मध्यान्ह भोजन से बिगड़ी स्कूली बच्चों की तबीयत, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से ताज़ा शपथपत्र तलब किया, बच्चों की सेहत की स्थिति और मुआवजे पर मांगी रिपोर्ट

Bilaspur बिलासपुर।
मिड-डे-मील खाने से स्कूली बच्चों के बीमार पड़ने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को नया शपथपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि शपथपत्र में मिड-डे-मील ग्रहण करने के बाद बीमार हुए 25 बच्चों के स्वास्थ्य में हुई प्रगति की पूरी जानकारी दी जाए, साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि शासन की ओर से उन्हें किसी प्रकार का मौद्रिक मुआवजा प्रदान किया गया है या नहीं।

जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत शासकीय मिडिल स्कूल चौराभांठा में 13 दिसंबर 2025, शनिवार को मध्यान्ह भोजन के तहत परोसी गई खीर–पूड़ी खाने के बाद 25 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। घटना की खबर प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए सोमवार को प्रारंभिक सुनवाई की थी और शासन से शपथपत्र पर जवाब मांगा था।

बुधवार को शासन की ओर से पेश किए गए शपथपत्र पर विचार करते हुए डिवीजन बेंच ने बताया कि लापरवाही के लिए स्कूल की प्रधान पाठिका को निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त मध्यान्ह भोजन प्रभारी शिक्षक की दो वेतनवृद्धियां रोकी गई हैं। मिड-डे-मील संचालन से जुड़े स्व-सहायता समूह को भी बदल दिया गया है। शपथपत्र में यह भी उल्लेख है कि बीमार बच्चों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कर उपचार उपलब्ध कराया गया था।

कोर्ट कमिश्नर ने दिलाया संज्ञान:–
कोर्ट कमिश्नर अमियकांत तिवारी ने न्यायालय का ध्यान मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर द्वारा दायर शपथपत्र की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर 2025 को दाखिल इस शपथपत्र में मध्याह्न भोजन नियम, 2015 के अंतर्गत मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांच की निर्धारित प्रक्रिया का उल्लेख है। साथ ही निदेशक, लोक शिक्षण द्वारा 25 सितंबर 2025 को जारी उस सर्कुलर का भी हवाला दिया गया, जो राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है।

सही भावना से पालन करें:–
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मिड-डे-मील वितरण और उसकी गुणवत्ता जांच से जुड़े दिशा-निर्देशों का गंभीरता और सही भावना से पालन किया जाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने भी अदालत को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि अगली सुनवाई की तारीख या उससे पूर्व एक नया शपथपत्र दाखिल किया जाए, जिसमें 13 दिसंबर 2025 को मिड-डे-मील खाने के बाद बीमार पड़े 25 बच्चों के स्वास्थ्य की अद्यतन स्थिति और उन्हें दिए गए किसी भी मौद्रिक मुआवजे की जानकारी स्पष्ट रूप से दी जाए। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को तय की गई है।

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