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सरकार की नजर बिलासपुर में अब कोई गरीब नहीं,सेंट्रल लाइब्रेरी से बीपीएल की छूट खत्म- शैलेश

पैसा है तो पढ़ोवरना मत पढ़ो

बिलासपूर ।सेंट्रल लाइब्रेरी छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए बनाया गया था जिसमे पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक बेहतर वातावरण का निर्माण किया गया था वैसे भी शहर की पुरानी सरकारी लाइब्रेरी सभी जर्जर हो चुकी थी। इसका नामकरण शहर के प्रथम विधायक स्वर्गीय शिव दुलारे मिश्र के नाम पर रखा गया था ताकि उन्हें भी शहर याद रखें कि शहर के प्रथम विधायक जो कि शहर के पूर्वज थे उनके प्रति भी शहर की कुछ ज़िम्मेदारी रहे।

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सरकार ने कम शुल्क में सभी वर्गों का ध्यान रखा और लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए सक्षम और गरीब दोनों वर्गों के विद्यार्थियों का ध्यान रखा,लेकिन पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाली बीजेपी की सरकार को ये व्यवस्था अच्छी नहीं लगी और डबल इंजन की सरकार ने आते ही पहले फ़ीस को डबल कर दिया और छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया,इसको लेकर छात्रों ने सड़क में किताबें खोलकर पढ़कर विरोध दर्ज किया और अधिकारियों से भी मिले और मैंने भी आवाज़ उठाई तो सरकार ने फ़ीस तो दो माह के लिए वापस ले ली लेकिन जो ग़रीबों को छूट दिया जाता है उसकी समाप्ति हो गई,क्योंकि सरकार फ़ीस ज्यादा लेना चाहती थी वो नहीं के सकी तो कुछ कुछ करके बीपीएल वर्ग की छूट खत्म कर दिया,इसका प्रभाव क्या नहीं पड़ेगा,बिलकुल पड़ेगा क्योंकि ग़रीब अपनी फ़ीस कहाँ से देगा और ग़रीब पर आर्थिक बोझ बढ़ाकर सरकार क्या बताना चाहती है कि शहर में पढ़ने वाले अब ग़रीब नहीं बचे है।

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गरीबों के ऊपर अत्याचार करने की बीजेपी की आदत है वो केवल पूंजीवाद को ही समर्थन देती है और बीपीएल की शुक्ल की छूट को बंद करके उसने ये संदेश दिया है कि
पैसा है तो पढ़ो वरना मत पढ़ो

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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