भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व छग लोक सेवा आयोग अध्यक्ष की जमानत याचिका हाई कोर्ट से खारिज

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित छग लोक सेवा आयोग घोटाला

छग पीएससी की 2020-2021 की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। भाजपा के सीनियर लीडर ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी लगाई थी। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी हाईकोर्ट को दी थी। जिसमें नेता, अधिकारी और रसूखदार कारोबारियों के रिश्तेदारों का सिलेक्शन किया गया।”
” ज्ञातव्य है कि अब घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम ने पिछले साल नवंबर में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त सोनवानी सरगुजा में अपने गांव से मैनपाट जा रहा था, जहां उसका आलीशान फॉर्म हाउस है। तब से पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को जेल में बंद हैं।”
“वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों का चयन करने का आरोप”
“सीबीआई के मुताबिक, सोनवानी के कार्यकाल में पीएससी में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि, उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं।”
“जानिए सी जी पीएससी घोटाले के बारे में”
“CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। छग आर्थिक अपराध ब्यूरो और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है।”
“आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।”
“171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा”
“CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई।”
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