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CG Train Accident:– मालगाड़ी चलाने वाला लोको पायलट चला रहा था पैसेंजर मेमू ट्रेन, शुरू हुई दुर्घटना की जांच, सहायता राशि का वितरण शुरू

CG Train Accident:– बिलासपुर में मालगाड़ी और पैसेंजर मेमू ट्रेन के बीच हुई टक्कर की जांच शुरू हो गई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मालगाड़ी चलाने वाला लोको पायलट एक माह पहले ही पैसेंजर ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी मिला था। सिग्नल जंप करने के कारण हादसा हुआ, ऐसा प्रारंभिक रूप से सामने आया है। वहीं, रेलवे ने मृतकों और घायलों को तत्कालिक सहायता राशि के चेक बांटना शुरू कर दिया है।

बिलासपुर। ट्रेन हादसे की कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) स्तर की जांच शुरू हो गई है। जांच टीम के अधिकारियों ने घटना स्थल पर घंटों रुककर बारीकी से निरीक्षण किया। प्रारंभिक रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई है। जांच में यह सामने आया कि लोको पायलट पहले मालगाड़ी चलाता था और एक माह पहले ही प्रमोशन के आधार पर पैसेंजर ट्रेन चलाने का काम मिला था।

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जांच टीम का मानना है कि लोको पायलट विद्या सागर ने दूसरी लाइन का सिग्नल देखकर ट्रेन की स्पीड बढ़ा दी और सामने मालगाड़ी आने पर ब्रेक लगाया, लेकिन तब तक टक्कर हो चुकी थी। जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां ट्रैक में कर्व है। CRS टीम की अध्यक्षता संरक्षा आयुक्त बी.के. मिश्रा कर रहे हैं। रेलवे ऑफिस में गुरुवार सुबह से बी.के. मिश्रा 19 अफसरों और कर्मचारियों से वनटूवन पूछताछ कर रहे हैं। जांच में ऑपरेशन, सिग्नल, ट्रैफिक, लोको और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी शामिल हैं। तोरवा पुलिस ने भी अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

50 किमी प्रति घंटे की स्पीड में थी ट्रेन:–

एसईसीआर के पांच विभागों के अधिकारियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रेन गतौरा स्टेशन से रवाना होने के बाद 50 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही थी। इससे पहले के स्टेशनों में ट्रेन 76 किमी/घंटा की रफ्तार पर थी। संभावना है कि सामने मालगाड़ी देखकर लोको पायलट ने एमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

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सिग्नल जंप के चलते हादसा:–

अधिकारियों की जांच में पता चला कि मेमू ट्रेन ने खतरे के सिग्नल को पार किया। इसके चलते यह हादसा हुआ। इस मामले में लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को समय पर ट्रेन नियंत्रण कर पाने का जिम्मेदार माना गया है।

असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड का बयान अहम:–

मालगाड़ी का गार्ड शैलेश चंद्र बुरी तरह घायल हैं। असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज की हालत भी गंभीर है। हादसे की जांच में इन दोनों प्रत्यक्षदर्शियों के बयान महत्वपूर्ण हैं। स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्समैन, कीमैन, गार्ड, सेक्शन इंजीनियर, सिग्नल और इंजीनियरिंग विभाग सहित सभी संबंधित कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

रेलवे ने देर रात तक मृतकों के परिजनों को बांटे चेक:–

हादसे में मृतकों और घायलों को रेलवे ने तत्काल 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि दी। बुधवार सुबह से रेलवे ने परिजनों से पूछताछ कर नॉमिनी पहचान की पुष्टि के बाद चेक तैयार किए। दुर्घटना सहायता केंद्र से देर रात तक 9.50 लाख रुपए के चेक सीनियर डीसीएम अनुराग सिंह और कमर्शियल मैनेजर एस. भारतीयन ने परिजनों को दिए। रेलवे अधिकारी देर रात तक परिजनों के इंतजार में सहायता केंद्र में ही बैठे रहे। राज्य शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि के चेक भी तैयार हैं। गुरुवार से मृतकों और घायलों के परिजनों को यह चेक दिए जाएंगे।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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