Raipur News:– कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाए

Raipur News:– कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस ने जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाए
Raipur, रायपुर। प्रदेश के चर्चित कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच की मांग दोहराई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां अदालत को गुमराह कर झूठे बयान तैयार कर रही हैं और निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।
भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “फैसला पहले से तय है, फिर अदालत में सफाई क्यों दी जा रही है?” उन्होंने आरोप लगाया कि ईओडब्ल्यू अधिकारी गवाहों पर फोन करके दबाव डाल रहे हैं और पूर्व-टाइप किए गए बयानों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश कर रहे हैं। बघेल ने कहा कि इस तरह के प्रायोजित बयान BNS की धारा 183 के तहत दर्ज किए गए हैं।
प्रक्रियाओं का दुरुपयोग:
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बयान दर्ज करने की पूरी कानूनी प्रक्रिया दरकिनार की गई। जबकि अब BNS 183 के तहत बयान दर्ज करने की प्रक्रिया कड़ी और पारदर्शी हो चुकी है, फिर भी एसीबी द्वारा पेन ड्राइव से तैयार बयानों को कोर्ट के सिस्टम में अपलोड करना कानून के नजरिए से गंभीर चूक है। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने न तो कोई मौखिक कार्यवाही हुई और न ही लिखित कार्यवाही, जो न्यायिक प्रक्रिया की मूल शर्त है।
बयानों में तकनीकी खामियां:
EOW द्वारा अदालत में पेश किए गए निखिल चंद्राकर के बयान में दो अलग-अलग फॉन्ट पाए गए और न्यायिक फॉर्मेट पूरी तरह गायब था। कांग्रेस का आरोप है कि यह बयान अदालत परिसर में नहीं, बल्कि किसी अन्य स्थान पर तैयार किया गया और बाद में कोर्ट दस्तावेज़ में संलग्न कर दिया गया।
सीलबंद लिफाफा मीडिया तक कैसे पहुंचा?
भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि जिस बयान को अदालत में सीलबंद रखा गया था, वह मीडिया तक कैसे पहुंच गया। उन्होंने कहा – “क्या अदालत में जमा गोपनीय दस्तावेज़ों का लीक होना न्याय प्रक्रिया का मज़ाक नहीं है? जब तक इस पर जवाब नहीं मिलता, कांग्रेस यह मुद्दा जनता के सामने उठाती रहेगी।
कोर्ट ने जारी किया नोटिस, 25 अक्टूबर को अधिकारियों की पेशी:
चार वकीलों ने संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद रायपुर कोर्ट ने EOW और ACB के तीन वरिष्ठ अधिकारियों – पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा, डीएसपी राहुल शर्मा और एएसपी चंद्रेश ठाकुर – को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने तीनों अधिकारियों को 25 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया।
भूपेश बघेल बोले – जांच एजेंसियां खुद गढ़ रही झूठी कहानी:
भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा – “अब जांच एजेंसियां खुद ही झूठे बयान और सबूत तैयार कर रही हैं। क्या अब सुपारी लेकर फंसाने का काम हो रहा है? एजेंसियां अदालत को दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज बना रही हैं और उन्हें न्यायिक बयान बताकर पेश कर रही हैं।”
दिल्ली से हो रहा पूरा खेल
भूपेश बघेल ने कहा कि पूरा संचालन दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा है। उनके मुताबिक, “स्थानीय अधिकारी अब छत्तीसगढ़ की जनता और नेताओं की बात नहीं सुनते, वे केवल ऊपर से मिले निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं।”
कांग्रेस का रुख – जवाब आने तक संघर्ष जारी:
कांग्रेस ने फिलहाल किसी बड़े प्रदर्शन या आंदोलन की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि जब तक जांच एजेंसियों की भूमिका पर स्पष्टता नहीं आती, यह मामला जनता और अदालत दोनों के बीच उठता रहेगा।
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